नवीनतम पद्धति से बसाया गया हरियाणा का पहला शहर
हरियाणा का धान का कटोरा (Rice Bowl of Haryana)
हरियाणा का पेरिस
स्थापना - 1 नवंबर 1966
वर्तमान क्षेत्रफल - 2520 वर्ग किलोमीटर
जनसंख्या घनत्व - 597 व्यक्ति प्रति वेर्ग किलोमीटर उपमंडल - कर्नल, असंध, इंद्री
तहसील - करनाल, असंध, नीलोखेडी, इंद्री, घरोडा
उप-तहसील - निसंग, बल्ला व निग्दु
खंड - घरोडा, इंद्री, करनाल, नीलाखेडी, व असंध
विधानसभा क्षेत्र 1. करनाल, असंध, घरोंडा, इंद्री, नीलोखेडी.
जनसंख्या - 1505324 लिंगानुपात - 886/1000
साक्षरता दर - 76.44%
इतिहास- करनाल शहर को राजा कर्ण के द्वारा बसाया गया जिसका प्राचीन नाम कर्णआल्य हुआ करता था।
⇑ Click here
1739 में नादिरशाह की मोहम्मिद शाह के खिलाफ जीत के बाि यह शहर सुर्ख़ियों में आया I जींद के राजा ने 1763 मैं इस शहर को अपने कब्जे में किया और 1797 ईस्वी को जार्ज थामस ने इस पर अपना अधिकार जमा लिया
प्राचीन समय में अंबाला और करनाल अलग जिले नहीं थे तो उस समय 1841 ईस्वी में अंग्रेजों ने यहां पर अपनी सैनिक छावनी भी बनाई थी, लेकिन यहां पर मलेरिया फैलने के कारण वह इस शहर को छोडकर चले गए थे I
इसके आसपास पानीपत, कैथल, और कुरुक्षेत्र की सीमा लगती है और पूर्व में उत्तर प्रदेश की सीमा लगती हे,
जिसके साथ- साथ यमुना नदी बहती है I
For more study follow me on Youtube
Click here .. AKP ONLINE STUDY
करनाल में बडे और मध्यम उद्योग भी काफी मशहुर है जैसे लिबर्टी जुते , फुटवियर लिबर्टी एंटिप्राइजेज, चमन लाल सेतिया एक्सपोर्ट आदि I विश्व प्रसिद्ध लिबर्टी जूता उद्होग करनाल के अंदर ही स्थित है जिसकी स्थापना सन 1959 ईस्वी में की र्ई थी। इन जूतों का निर्यात विदेशों के अंदर भी किया जाता है। साल 1998 से जनता की सुविधा के लिए करनाल में पर्यावरण न्यायालय का कैंप लगाया जाता है।
हरियाणा में नीलोखेडी और करनाल में पोल्ट्री का प्रशिक्षण भी दिया जाता है।
हरियाणा इंस्टीट्यूट आफ रूरल एंड डेवलपमेंट की स्थापना नीलोखेडी में हुई है।
हरियाणा ग्रामीण विकास संस्थान की स्थापना सन 1990 में की र्ई।
हरियाणा में विक्टोरिया मेमोरियल हॉल की स्थापना भी यहीं पर हुई हे।
इग्नू केंद्रीय क्षेत्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना सन 1991 में की र्ई।
1797 ईस्वी में जार्ज थामस ने करनाल को जीता था। करनाल नवीनतम पद्धति से बसाया गया शहर है। हरियाणा मे करनाल को कर्ण कि नगरी के नाम से भी जाना जाता है।
हरियाणा में एग्रो हब भी स्थित है।
करनाल का प्रमुख खनिज शोरा (sulpher) है।
प्रसिद्ध स्थल:-
असंध - ऐसा माना जाता है कि असंध का प्राचीन नाम असंधिवत था I
बाद में इसका नाम बदलकर असंध पड गया और एक और अवधारणा यह भी है कि पहले यह असंध राजा परीक्षित की राजधानी हुआ करती थी I
घरौंडा - 1739 तक यह क्षेत्र दिल्ली द्वारा नियुक्त करनाल के आमिल के अधीन रहा था I सन 1739 से 1783 तक सरहिंद के सूबेदर जिन्खा का इस पर नियंत्रण रहा I इसके बाद सन 1789 तक जींद के राजा गजपत सिंह का इस पर अधिकार रहा था I सल्तनत काल में इस सराय का प्रबंध करनाल के फौजदर के द्वारा किया जाता था। बंदा बहादूर ने 1709 ईस्वी में फौजदर का वध करके करनाल व घिरोडा पर अपना अधिकार कर लिया।
गेट ऑफ मुग़ल सराय भी घरोंडा में ही स्थित है।
इंद्री :- सन 1761 में मराठों पर विजय पाने के बाद अब्दाली ने निजाबत खां के पुत्र दिलेरखान द्वारा सहायता से खुश होकर उसे पुनः कुंजपुरा का नवाब बना दिया और उसकी रियासत में 150 गावों को शामिल किया गया था I जिसमे इंद्री एक मुख्य गाव था । उसके बाद यह कस्बा नवाब गुलशेर खान के अधीन रहा और इसके पश्चात रहमतखा ने इसका शासन संभाला और 1803 में अंग्रेजो की अधीनता स्वीकार कर ली थी /
यहां पर एक प्रसिद्ध समाधि स्थल कची समाधि स्थित है यह स्थल बाबा सिमरण दास की दशकों पुरानी कची समाधि है जो शुरूवाती समय से आज तक भी कची ही है
To study online click here,, AKP ONLINE STUDY
तरावडी - मोहम्मि गोरी ने सन् 1191 में हिंदुस्तान पर पहला आक्रमण किया था I जिसका मुकाबला दिल्ली में अजमेर के शासक पृथ्वीिराज चोहान ने तिरावडी के मैदान में किया था I इसे तरावडी यानिकी तिराइन की पहली लडाई के नाम से भी जाना जाता है I इस लडाई में मोहम्मद गोरी जख्मी होकर वापस अफगानिस्तान भाग गया था तथा अगले वर्ष 1192 ईस्वी में मोहम्मद गोरी ने पूरी तैयारी के साथ पुनः आक्रमण किया और सेना एक बार फिर से तरावडी के मैदान में ही भिडी और इस बार मोहम्मद गोरी की विजय हुई I इसके अलावा तरावडी विश्व में अपनी कसम के सर्वोतम बासमती चावल के लिए विख्यात है
नीलाखेडी - इस कस्बे की स्थापना सन 1947 में विस्थापितों के पुनर्वास हेतू की गर्ई थी I नीलाखेडी में राजकीय बहुतकनीकी संस्थान (पॉलिटेकनिक) स्थित है, इसलिए यह काफी फेमस है I इसके अलावा यहां पर वर्ष 1990 में हरियाणा ग्रामीण विकास संस्थान की स्थापना की गर्ई थी I इन परियोजनाओं में सफल गांव को आदर्श गांव घोषित किया जाता है I
सालवन गांव - करनाल के इस गांव को मेलों का गांव कहते हैं। यह गांव कभी सालवीन राजा की राजधानी हुआ करती थी।
कुंजपुरा - इसकी स्थापना पठान के निजाबत खान ने की थी। कुंजपूरा निजाबत खान की राजधानी भी रहा था। हरियाणा का पहला सैनिक स्कूल यहीं पर स्थित है। जिसकी स्थापना सन 1961 में की गर्ई थी। यह सैनिक स्कूल छोटी-छोटी ईटों से बना हुआ है। यह स्कूल पुरानी हवेली में संचालित है।
⇒ दूसरा सेनिक स्कूल रेवाड़ी
⇒ तीसरा सेनिक स्कूल झज्जर
करनाल का युद्ध - करनाल का युद्ध ईरानी शासक नादिरशाह और मोहम्मद शाह के बीच 24 फरवरी 1739 ईस्वी को हुआ था। जिसमे नादिरशाह की जीत हुई थी। इसके बाद नादिरशाह मयूर सिंहासन और कोहिनूिर हीरा अपने साथ ले गया था। मयूर ससिंहासन को शाहजहां ने बनवाया था। मयूर सिंहासन पर बैठने वाला अंतिम मुगल शासक मोहम्मिद शाह ही था। मोहम्मिद शाह को ही रंगीला बादशाह के नाम से भी जाना जाता है।
तर्राइन का प्रथम युद्ध - यह युद्ध 1191 ईस्वी में पृथ्वीिराज चौहान और मोहम्मिद गौरी के बीच हुआ था। जिसमे पृथ्वीिराज चौहान की जीत हुई थी।
तर्राइन का द्वितीय - यह युद्ध 1192 ई. मे पृथ्वीिराज चौहान और मोहम्मिद गौरी के बीच ही हुआ था और इस युद्ध में मोहम्मिद गौरी की जीत हुई थी।
तर्राइन का तृतीय युद्ध - यह युद्ध इल्तुतमिश व ताजुददीन यलदोज (ऐबक का दामाद) के बीच 1215 ई. मे हुआ था। जिसमे इल्तुतमिश की जीत हुई थी।
महत्वपूर्ण संस्थान:-
राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान - राष्ट्रीय डेयिरी अनुसंधान संस्थान करनाल की स्थापना मूल रूप से इंपीरियल इंस्टीट्यूट ऑफ एनिमल हसबेंडरी एंड डेयरिंग के रूप में बेंगलूरू में सन 1923 में हुई थी I वर्ष 1936 में उसका समुचित विस्तािर करके इसे इंपीरियल डेयरी संस्थान का नाम दिया गया था तथा सन 1947 में स्वतंत्रता के पाश्चत राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान का मुख्यालय इसके वर्तमान स्थान करनाल में 1955 में स्थापित किया गया था।
गेहूं शोध निदेशालय - सन 1965 में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद अर्थात 'I.C.R.A ' ने “सर्वभारतीय संबंधित समन्यवक गेहूं सुविधा परियोजना” की शुरूआत की, पिंरतु वर्ष 1978 में इस परियोजना को “गेहूं शोध निेदेशालय” में परिवर्तित कर दिया गया I
केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान - कृषि योग्य भूमि से लवणता दूर करने की दिशा में “केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान” की स्थापना 1969 में की गर्ई थी। इस संस्थान का मुख्यालय करनाल के जरिफा वीरा गावं में काछवा रोड पर स्थित है I इस अनुसंधान संस्थान की स्थापना के लिए एक “इंडो-अमेरिकन जल प्रबंधन विशेषज्ञ समिति” के द्वारा सिफारिश की गर्ई थी I
करनाल स्थित मुख्यालय के अलावा संस्थान के अधीन तीन क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र भी हैंI
⇒ केनिंग टाउन (पश्चिम बंगाल),
⇒ भरूच(गुजरात),
⇒ लखनऊ (उत्तर प्रदेश) I
मधुबन पुलिस प्रशिक्षण परिषद - राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर
NH 1 पर करनाल से 8 किलोमीटर दूर पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय स्थित है I ईसकी स्थापना सन 1973 में की गर्ई थी। यहां पर हरियाणा पुलिस की ट्रेनिंग दी जाती है I
माता प्रकाश कौर मुक, बधिर एवं वाणी विकलांग केंद्र - यह केंद्र गूंगे व बहिरे बच्चों को शिक्षित करने में उल्लेखनीय भमिका निभा रहा है I यहां पर आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 22 अगस्त 2002 को हरियाणा के मुख्यमंत्री ने छात्रावास का शिलान्यास किया था I
राष्ट्रीय पशु अनुवांशिकी संस्थान (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ एनिमल जेनेटिक्स) - इसकी स्थापना सन 1984 में की गर्ई थी।
राष्ट्रीय पशु अनुवांशिकी संस्थान ब्यूरो (नेशनल ब्यूरो आफ एनिमल जेनेटिक रिसोर्सेज) - ईसकी स्थापना सन 1985 में की र्ई थी।
फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी, मधुबन - इसकी स्थापना तो सन 1973 में रोहतक में की गर्ई थी लेकिन सन 1978 में ईसे करनाल मे स्थापित कर दिया गया।
सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबलस - इसकि स्थापना इजराइल के सहयोग से घरोंडा में कि गर्ई।
गेहूं जीन बैंक :- करनाल में स्थित है लेकिन अनाज बैंक पानीपरत में स्थित है।
गन्ना ब्रीडिंग सेंटर भी करनाल में स्थित है। जबकि फल उत्कृष्ट्ता केंद्र सिरसा में स्थित है।
बागवानी विश्वविद्यालय:- महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय भी करनाल मे स्थित हे/
महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल :-
कर्ण तलाब - राजा दूरयोधन के परम मित्र और सूर्य के पुत्र राजा कर्ण के नाम पर यहाँ पर “कर्ण तालाब” स्थापित किया रगया था I कर्ण पार्क, कर्ण स्टेडीयम व कर्ण तालाब ये तीनों करनाल में स्थित
है
FACT:- गोकर्ण तालाब - रोहतक
कर्ण का टीला - कुरुक्षेत्र
देवी मंदिर, सालवन: - करनाल जिले के गावं सालवन को मेलों का गावं भी माना जाता है I इस गावं में महाराजा युधिस्ठर ने अश्वमेघ यज्ञ का आयोजन किया था I यह गावं कभी राजा शालिवान की राजधानी हुआ करता था I
मामा-भांजा मुगलसराय, घरौंडा :- यह सराय
दिल्ली-लाहौर मार्ग पर घरोंडा में 1632 ईस्वी में सम्राट शाहजहां के शासनकाल में खान फिरोज ने विश्राम गृह के रूप में बनवाई थी I भारत सरकार की अधिसूचना के तहत इसे 1 दिसंबर 1914 को रास्ट्रीय महत्व का सरंक्षित स्मारक घोषित किया गया है I
कर्ण झील तथा ओसियस - कर्ण झील का निर्माण राजा कर्ण के द्वारा करवाया गया था यह 17 एकड में फैली हुई है उसका पुनः निर्माण सन 1972 में करवा गया।
करनाल में पर्यटन विभाग ने शेरशाह सूरी मार्ग पर अंबाला की ओर लगभग 4 किलोमीटिर दूर पश्चिम यमुना नहर के दोनों और लगभग 60 कनाल भूमि पर “कर्ण झील” तथा “ओसियस” नामक पर्यटक स्थल विकसित किए गए हैं I
सेंट जेम्स चर्च टावर - यह करनाल की एक प्राचीन एतिहासिक धरोहर है I इस टावर का निर्माण 1806 ईस्वी में हुआ था I उस समय करनाल ब्रिटिश सैनिक छावनी का हिसा हुआ करता था I
सीतामाँई सीमागढ़ का मंदिर - यह हरियाणा का एकमात्र सीता माता का मंदिर है। 14 वर्ष वनवास के बाद भगवान राम के आदेश पर लक्ष्मण ने सीता को जिस' जंगल में छोडा था उसका नाम “लाडबन” था I उस जंगल की पश्चिम दिशा में महर्षि वाल्मीकि का आश्रम था, जहां सीता अपने वनवास के दोरान रही थी I ऐसा माना जाता है कि इसी स्थान पर सीता माता जमीन में समा गर्ई थी I आज उसी स्थान पर “सीतामाई मंदिर” निर्मित किया गया है I
माता बाला सुंदरी मंदिर बडा गांव - करनाल जिले के बडा गावं में माता बाला सुन्दरी मंदिर स्थित है.
तरावडी का किला:- पृथ्वीराज चौहान द्वारा बनवाया गया तरोडी का प्राचीन किला भी करनाल मे स्थित हें
⇒हांसी , गुहना मे भी हे /
निर्मल कुटिया :- बाबा निक्का सिह महाराज स्वंयम छोटी कुटीया में रह कर कई लोगों की सेवा सहायता किया करते थे I बाबा के ब्रह्मालीन होने के बाद वर्ष 1960 में बाबा के अनुयायीयों ने उनकी कुतिया को “निर्मल कुतिया” के नाम से नवाजा और यहां पर इस कुटीया की स्थापना कि गर्ई थी I
गांधी मेमोरीयल हॉल :- महारानी विक्टोरिया की याद में बने इस हाल का नाम स्वतंत्रता के बाद महात्मा गाँधी के नाम पर रख दिया गया था I
FOLLOW ME ON FACEBOOK click here
दरगाह कलंदर शाह - इसका निर्माण अलाउददिन
खीलजी के पुत्र खीजान खान और शादि खान द्वारा किया गया था I बू अली शाह कलंदर, सालार फकिरूदिन का पुत्र था और अनुमान है कि उनका जन्म सन 1190 ईसवी में हुआ था I
अटल पार्क - करनाल शहर के और अधिक सुंदर बनाने हेतु सेकटर 7 और 8 में लगभग 56 एकड क्षेत्र मे अटल पार्क का निर्माण किया गया हे /
तरावडी - मध्यकाल में 1191 वह 1192 ईस्वी में मोहम्मिद गौरी व पृथ्वीिराज चौहान के मध्य तराइन का प्रथम व द्वितीय युद्ध ईसी तरावडी क्षेत्र में हुआ था I तरावडी में ओरंगजेब के पुत्र आजम खान का जन्म हुआ था। आजम के नाम पर इस जगह का नाम आजमाबाद रखा गया था बाद में बदलकर यह तरावडी हो गया।
कंचनपुर - कंचनपुर करनाल से उत्तर-पूर्व दिशा में 6 मील की दुरी पर स्थित है I इसकी स्थापना पठान शासक निजामत खान ने की थी I उन्ही की याद में एक जलाशय का निमं भी यहां पर किया गया है
व्स्त्ती (ब्स्तली) - यह गावं करनाल-कैथल मार्ग पर स्थित है I महर्षि वेदव्यास का आश्रम भी यहीं पर स्थित है I उन्होंने यही पर बैठकर महाभारत की रचना की थी I
अदिति का मंदिर :- यह मंदिर करनाल जिले के अमीन गावं में स्थित है I इसी स्थान पर आदिति ने सूर्य को जन्म देने के पूर्व तपस्या की थी I
छावनी जेम्स चर्च - यह बहुत खूबसूरत छावनी चर्च है जिसका निर्माण सेंट जेम्स ने करवाया था। जिसकी ऊँचाई 100 फीट है। इस चर्च में धातु का क्रोस लगाया गया है।
FACT:- बस्तली में महर्षि वेदव्यास का आश्रम है व बहलोलपुर में महर्षि वेदव्यास के पिता पाराशर ऋषि का आश्रम है।
हरियाणा का पहला साइंस उद्यान भी यहीं पर स्थित है। हरियाणा का पहला बागवानी विश्वविद्यालय (महाराणा प्रताप विश्वविद्यालय अंजनथली में स्थित है।
मधुबन में करनाल के प्रसिद्ध पांच पीरों की मजार भी स्थित है।
गुरुद्वारा शीशगंज तरावडी में स्थित है।
अकतरलोनी हाउस, एंडम हाउस, बादशाही पुल और मुगल पुल भी यहीं पर स्थित है।
गोंदर मे गोतम ऋषि का आश्रम प्रसिद्ध है।
प्रमुख व्यक्ति:- गूगल बॉय कोटिल्य पंडित करनाल के कोहंड गावं के रहने वाले हैं। ईन्होंने 14 नवंबर सन 2013 को K.B.C..(कोन बनेगा करोडपति) में 10 लाख ₹ जीते थे।
कल्पना चावला - इनका जन्म 1 जुलाई सन 1961 को हुआ था और इनकी मृत्यु 1 फरवरी सन 2003 को कोलंबिया यान हादसे में हुई थी।
यह भारत की पहली महिला है जो अंतरिक्ष में गर्ई थी। इन्हीं के नाम पर कल्पना चावला विश्वविद्यालय की स्थापना 1 दिसंबर सन 2012 को 100 एकड जमीन पर की गर्ई।
15 जनवरी सन 2018 को इस विश्वविद्यालय का नया नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय कर दिया गया।
प्रमुख पॉलिटेक्निक संस्थाएं -
1. राजकीय बहुतकनीकी संस्थान, नीलोखेडी
2. ग्रीनवुड बहुतकनीकी कॉलेज, रणवार
3. एस.एस. बहुतकनीकी कॉलेज, नेहवाल
4. टेकनो-अपेकस पॉलिटेक्निक, ग्राम-गोरखगड, इंद्री
प्रमुख पुस्र्कालय -
1. पुर्षोतम पुस्तकालय, 1978
2. प्रजापत पुस्तकालय, 1966
3. जिला पुस्तकालय, 1985
4. शहीद भगत सिंह पुस्तकालय, 2006
5. पाश पुस्तकालय
प्रमुख रेडियो स्टेशन
⇒ रेडियो धमाल
⇒ रेडियो मंत्रा
करनाल के प्रमुख मेले:-
⇒ बाबा सिमरन दास का मेला - इंद्री
⇒ पराशर ऋषि का मेला - तरावडी
⇒ छडीयों का मेला - करनाल (अमुपर गावं)
⇒ पांडू मेला - पापहाना
⇒ सारस मेला – करनाल
FOR MORE STUDY click here
THANKS FOR VISITING
No comments:
Post a Comment