शिक्षा विभाग का फैसला / पहली बार प्रदेश में कॉलेज स्टूडेंट्स बिना परीक्षा के अगली कक्षाओं में होंगे प्रमोट
ग्रेड सुधार के लिए हालात सामान्य होने पर परीक्षा देने का विकल्प मिलेगा
चंडीगढ़: प्रदेश में विश्वविद्यालयों, कॉलेजों व तकनीकी शिक्षा से जुड़े शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थियों की कोई भी परीक्षाएं नहीं ली जाएंगी। विद्यार्थियों को बिना परीक्षा लिए अगली कक्षाओं में प्रमोट किया जाएगा। कोरोना महामारी की वजह से पहली बार प्रदेश में इस तरह का फैसला लिया गया है। हालांकि, विद्यार्थियों को विकल्प दिया गया है कि यदि वह चाहे तो कोरोना संक्रमण खत्म होने के बाद सामान्य स्थिति होने पर परीक्षा में शामिल होकर अपनी ग्रेड सुधार सकता है।
यदि कोई विश्वविद्यालय ऑनलाइन परीक्षा लेने में सक्षम है तो वह ऑनलाइन परीक्षाएं संचालित कर सकती है। लेकिन यह भी विश्वविद्यालय को देखना होगा कि क्या सभी विद्यार्थी ऑनलाइन परीक्षा देने में सक्षम है। जिन विद्यार्थियों का कोई पेपर बकाया है तो उन्हें परीक्षा से छूट देकर पिछली परीक्षा के औसत अंकों के आधार पर अगले सेमेस्टर में प्रमोट किया जा सकता है। यही फार्मूला प्राइवेट विद्यार्थियों के लिए लागू होगा।
गौरतलब है कि इससे पहले शिक्षा विभाग 12वीं को छोड़कर बाकी कक्षाओं के विद्यार्थियों को भी बिना परीक्षा के प्रमोट किए जाने का फैसला लिया था। 12वीं को लेकर अभी निर्णय होना बाकी है।
प्रमोट करने के लिए ये फार्मूले अपनाए जाएंगे
फाइनल व इंटरमीडिएट सेमेस्टर से ऐसे होंगे प्रमोट-
विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और तकनीकी शिक्षा से जुड़े संस्थानों में फाइनल और इंटरमीडिएट सेमेस्टर वालों के पिछली परीक्षा में मिले अंकों के 50 प्रतिशत को वर्तमान सेमेस्टर के आंतरिक मूल्यांकन या असाइनमेंट के 50 प्रतिशत अंकों के साथ जोड़ दिया जाएगा। कोविड-19 के बाद परिस्थितियां सामान्य होने पर विद्यार्थी खुद परीक्षा में शामिल होकर ग्रेड में सुधार के लिए विकल्प चुन सकते हैं।
प्रथम वर्ष के विद्यार्थी इस तरह जाएंगे अगले सेमेस्टर में-
प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को केवल आंतरिक मूल्यांकन की गणना के आधार पर अगली कक्षा में प्रमोट किया जा सकता है। जहां पर प्रेक्टिकल परीक्षाएं अभी तक नहीं हो पाई हैं, वहां पर विद्यार्थियों की पिछली सभी प्रेक्टिकल परीक्षाओं के औसत आधार पर या पिछले सेमेस्टर में थ्योरी की परीक्षाओं के औसत 80 फीसदी अंकों का आधार माना जा सकता है। इनमें से जिसमें भी अधिक अंक बनते हैं, उसको आधार मान सकते हैं।
पॉलिटेक्निक कॉलेजों में भी यही फाॅर्मूला लागू होगा
शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने बताया कि राज्य के पॉलिटेक्निक कॉलेजों में भी विद्यार्थियों को प्रमोट करने व प्रेक्टिकल परीक्षाओं के अंक देने में कॉलेजों व विश्वविद्यालयों वाला ही फार्मूला लागू होगा। मंत्री ने कहा कि यह निर्णय सभी कुलपतियों व विशेषज्ञों से बातचीत कर लिया है।
राहत / अब यूनिवर्सिटी व कॉलेजों के विद्यार्थी बिना परीक्षा दिए होंगे प्रमोट
कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी ने 16 जून को भेजा था सरकार को बिना परीक्षा लिए विद्यार्थियों को प्रमोट करने का सुझाव, मिली मंजूरी
कुरुक्षेत्र: अब प्रदेशभर की यूनिवर्सिटी व कॉलेजों में पढ़ रहे अंतिम वर्ष और रिअपीयर वाले विद्यार्थियों को भी बिना परीक्षा दिए प्रमोट किया जाएगा। प्रदेश सरकार की ओर से आखिरकार अंतिम वर्ष और रिअपीयर के विद्यार्थियों की परीक्षाओं को लिए बिना प्रमोट करने के आदेश मंगलवार को जारी किए गए। इससे पहले 12 जून को प्रदेश सरकार की ओर से केवल पहले और दूसरे वर्ष के विद्यार्थियों को ही पिछली कक्षा और आंतरिक परीक्षा के आधार पर प्रमोट करने का आदेश जारी हुआ था।
वहीं अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों की परीक्षा लेने और रिअपीयर के विद्यार्थियों की परीक्षा कैरी फारवर्ड की गई थी। इस आदेश के विरोध में सभी छात्र संगठनों ने प्रदर्शन कर सरकार और यूनिवर्सिटी प्रशासन के नाम ज्ञापन सौंपे थे। वहीं केयू प्रशासन की ओर से 16 जून को प्रदेश सरकार के पास अंतिम वर्ष और रिअपीयर के विद्यार्थियों को बिना परीक्षा लिए प्रमोट करने का सुझाव लिखित में भेजा था। वहीं परीक्षा करवाने पर आने वाली चुनौतियों के बारे में भी बताया था।
सभी पाठ्यक्रमों की उच्च और तकनीकी शिक्षा के लिए सभी टर्मिनल परीक्षाओं (अंतिम सेमेस्टर) और इंटर मीडिएट सेमेस्टर परीक्षाओं का आयोजन नहीं किया जाएगा और सभी छात्रों को आंतरिक मूल्यांकन/असाइनमेंट के अंकों के 50 प्रतिशत वेटेज के साथ अगले सेमेस्टर में पदोन्नत किया जाएगा। वहीं पिछली परीक्षाओं के अंकों का 50 प्रतिशत वेटेज दिया जाएगा। दूरस्थ शिक्षा और प्राइवेट विद्यार्थियों के लिए भी यही फॉर्मूला लागू होगा। वहीं अगर कोई विश्वविद्यालय चाहता है तो वह ऑनलाइन परीक्षा आयोजित कर सकता है। लेकिन यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी विद्यार्थी ऑनलाइन परीक्षा देने में सक्षम हों।
पिछली परीक्षाओं में रिअपीयर वाले विद्यार्थियों को परीक्षा से छूट दी जा सकती है और उन्हें अगले सेमेस्टर में पदोन्नत किया जाना है। पदोन्नति के लिए पिछली परीक्षाओं के औसत आधार पर अंक दिए जाएं। दूरस्थ शिक्षा और प्राइवेट विद्यार्थियों के लिए भी यही फॉर्मूला लागू होगा। एक वर्ष वाले कोर्स के छात्रों का परिणाम केवल आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर तैयार होगा। प्रेक्टिकल परीक्षाएं जहां नहीं हुई, ऐसी स्थिति में पिछली प्रेक्टिकल परीक्षाओं के औसत अंकों या पिछले सेमेस्टर के अंक जो अधिक हों दिए जाएंगे।
विश्वविद्यालय के शिक्षण विभागों में प्रवेश यूनिवर्सिटी स्तर पर ही दिए जाएंगे। इससे पहले यूनिवर्सिटी में भी सेंट्रल दाखिला प्रक्रिया थी। वहीं कॉलेजों में स्नातक स्तर और स्नातकोत्तर स्तर के दाखिले सेंट्रल ऑनलाइन प्रवेश उच्च शिक्षा विभाग की ओर से ही पहले की तरह किए जाएंगे ।
MDU ROHTAK ने कर दी थी डेटशीट घोषित :
सरकार की ओर से गाइडलाइन आने से पहले ही एमडीयू रोहतक ने डेटशीट घोषित कर दी थी। छात्र संगठनों ने भी सरकार के इस फैसले पर खुशी जताई है।
बुधवार को बैठक कर जारी करेंगे अधिसूचना
KUK के जनसंपर्क विभाग के उपनिदेशक डॉ. दीपक राय बब्बर ने कहा कि प्रदेश सरकार की ओर से आए आदेशों को लेकर बुधवार को बैठक होगी। जिसके बाद यूनिवर्सिटी की ओर से अधिसूचना जारी की जाएगी।
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